गानों में इतनी रूचि क्यों?
Why so interested in the songs?
पुराने समय से ही इंसान गानों में रुचि लेते रहे हैं और यह दिन व दिन बढी ही है। भले ही पुराने समय के गाने आधुनिक गानों से बहुत भिन्न है दोनों का तालमेल बैठना बहुत कठिन है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार की बुजुर्गों और युवाओं की सोच का मेल खा पाना, बहुत अल्प मात्रा में है यह संभव है कि युवाओं और बुजुर्गों की सोच मेल खा पाये।
अमेरिका की तुलना में भारत में बहुत कम समय लोग गाने सुनने पर समय खर्च करते हैं। विभिन्न शोधों पर जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं वह बहुत चौंकाने वाले हैं। 2016 के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार- अमेरिका में प्रति व्यक्ति एक सप्ताह में 26.6 घंटे का समय गाने सुनने में बिताता है।
एक माह में तकरीबन 106.4 घंटे यानी 4 दिन 4 घंटे का समय गाने सुनने में गुजरता है, और इसकी यदि बार्षिक गणना की जावे तो एक अमरीकी व्यक्ति साल भर में 53 दिन गाने सुनकर गुजार देता है।
अमेरिका के 91 फीसदी व्यक्ति प्रति सप्ताह गाने सुनते हैं, जिनमें से 75 फीसदी लोग Online sites पर सुनते हैं तो करीब 44 फीसदी लोग Smartphone पर सुनते हैं।
2017 की अर्धवार्षिक गणना में पाया गया की 184 बिलियन गाने Spotify & Apple music sites के माध्यम से सुने जो कि पिछले साल 2016 से 62 फ़ीसदी ज्यादा थे।
2017 में ही Forbes magazine की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 2016 की तुलना में इस साल काफी इजाफा हुआ है, इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी एक सप्ताह में 32 घंटे गाने सुनते हैं, यानी एक माह में 5 दिन 3 घंटे और साल में तकरीबन 63 दिन (2 माह) संगीत सुनकर बिताते हैं।
इसका कारण कहीं ना कहीं यही हो सकता है कि लोग अपनी जीवनशैली सुधारने और खुद को शांति महसूस करने के लिए संगीत सुनते होंगे और अन्य प्रतिक्रियाओं को कम समय देते हैं।
वही भारत इस संगीत सुनने के मामले में काफी पीछे हैं जिसका एक बड़ा कारण राजनीति है,भारत का अधिकतम युवा राजनीति से जुड़ा है और एक बड़ा हिस्सा बेरोजगार है भारत में अप्रैल और मई 2014 में 1000 लोगों पर हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत के युवा एक सप्ताह में तकरीबन 6.4 घंटे संगीत सुनते हैं जिसमें 16 साल से लेकर अधिक उम्र तक के लोग शामिल हैं।
एक माह में तकरीबन एक दिन एक घंटे का समय ही भारतीय युवा संगीत सुनने में बिताता है यानि कि साल भर में लगभग 13 दिन।
भले ही भारत में ये आँकडें काफी कम हैं लेकिन भारत के लोग अन्य समस्यायों से जूझने में लगें है पहली तो है राजनैतिक गतिविधियां और दूसरी बेरोजगार की निरंतर बढती समस्या।
✍️ अजीत मालवीय "ललित"
malviyaajeet1433@gmail.com
Why so interested in the songs?
पुराने समय से ही इंसान गानों में रुचि लेते रहे हैं और यह दिन व दिन बढी ही है। भले ही पुराने समय के गाने आधुनिक गानों से बहुत भिन्न है दोनों का तालमेल बैठना बहुत कठिन है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार की बुजुर्गों और युवाओं की सोच का मेल खा पाना, बहुत अल्प मात्रा में है यह संभव है कि युवाओं और बुजुर्गों की सोच मेल खा पाये।
अमेरिका की तुलना में भारत में बहुत कम समय लोग गाने सुनने पर समय खर्च करते हैं। विभिन्न शोधों पर जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं वह बहुत चौंकाने वाले हैं। 2016 के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार- अमेरिका में प्रति व्यक्ति एक सप्ताह में 26.6 घंटे का समय गाने सुनने में बिताता है।
एक माह में तकरीबन 106.4 घंटे यानी 4 दिन 4 घंटे का समय गाने सुनने में गुजरता है, और इसकी यदि बार्षिक गणना की जावे तो एक अमरीकी व्यक्ति साल भर में 53 दिन गाने सुनकर गुजार देता है।
अमेरिका के 91 फीसदी व्यक्ति प्रति सप्ताह गाने सुनते हैं, जिनमें से 75 फीसदी लोग Online sites पर सुनते हैं तो करीब 44 फीसदी लोग Smartphone पर सुनते हैं।
2017 की अर्धवार्षिक गणना में पाया गया की 184 बिलियन गाने Spotify & Apple music sites के माध्यम से सुने जो कि पिछले साल 2016 से 62 फ़ीसदी ज्यादा थे।
2017 में ही Forbes magazine की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 2016 की तुलना में इस साल काफी इजाफा हुआ है, इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी एक सप्ताह में 32 घंटे गाने सुनते हैं, यानी एक माह में 5 दिन 3 घंटे और साल में तकरीबन 63 दिन (2 माह) संगीत सुनकर बिताते हैं।
इसका कारण कहीं ना कहीं यही हो सकता है कि लोग अपनी जीवनशैली सुधारने और खुद को शांति महसूस करने के लिए संगीत सुनते होंगे और अन्य प्रतिक्रियाओं को कम समय देते हैं।
वही भारत इस संगीत सुनने के मामले में काफी पीछे हैं जिसका एक बड़ा कारण राजनीति है,भारत का अधिकतम युवा राजनीति से जुड़ा है और एक बड़ा हिस्सा बेरोजगार है भारत में अप्रैल और मई 2014 में 1000 लोगों पर हुए सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत के युवा एक सप्ताह में तकरीबन 6.4 घंटे संगीत सुनते हैं जिसमें 16 साल से लेकर अधिक उम्र तक के लोग शामिल हैं।
एक माह में तकरीबन एक दिन एक घंटे का समय ही भारतीय युवा संगीत सुनने में बिताता है यानि कि साल भर में लगभग 13 दिन।
भले ही भारत में ये आँकडें काफी कम हैं लेकिन भारत के लोग अन्य समस्यायों से जूझने में लगें है पहली तो है राजनैतिक गतिविधियां और दूसरी बेरोजगार की निरंतर बढती समस्या।
✍️ अजीत मालवीय "ललित"
malviyaajeet1433@gmail.com
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